अब लैब में ही पता लग जाएगी कैंसर की हर डिटेल, प्रकार से लेकर कैंसर के प्रसार की मिलेगी जानकारी
Lab Research on Cancer Spread: कैंसर को लेकर पहले मरीज और डॉक्टर दोनों को सही जानकारी पाने में लंबा समय लगता था, लेकिन अब विज्ञान ने इस चुनौती को आसान बना दिया है. आधुनिक लैब तकनीक से न सिर्फ यह पता लगाना संभव हो गया है कि कैंसर किस प्रकार का है, बल्कि यह भी जाना जा सकता है कि, यह शरीर में किस हद तक फैल चुका है. डॉ. तरंग कृष्ण का कहना है कि, पुराने समय में कैंसर की पहचान के लिए बायोप्सी और कई जटिल जांचें करनी पड़ती थीं. लेकिन नई मॉलिक्यूलर लैब तकनीक और जीन टेस्टिंग से अब कोशिकाओं की बारीकियों तक की जानकारी ली जा सकती है. लैब में यह तुरंत पता लगाया जा सकता है कि, कैंसर कैसे शुरू हुआ है और उसकी किस्म क्या है. ये भी पढ़े- शरीर के इन 5 हिस्सों में रहता है दर्द तो हो जाएं अलर्ट, किडनी डैमेज होने पर दिखते हैं ये लक्षण प्रकार की सटीक जानकारी कैंसर सिर्फ एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह कई प्रकार का होता है, जैसे स्तन कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, ब्लड कैंसर आदि. लैब में होने वाली जांच अब हर प्रकार को अलग-अलग पहचान सकती है. इससे यह तय करना आसान हो जाता है कि किस मरीज को कौन सा उपचार दिया जाए और दवाइयों का असर कितना होगा. कैंसर के प्रसार की निगरानी सबसे बड़ी चुनौती कैंसर के फैलने यानी मेटास्टेसिस को समझना था. आधुनिक लैब टेस्ट अब यह दिखाते हैं कि कैंसर कोशिकाएं शरीर के किन हिस्सों तक पहुँच चुकी हैं. यह जानकारी मरीज के जीवन बचाने में बेहद अहम है क्योंकि इलाज की योजना उसी आधार पर तय होती है. इलाज में नई दिशा जब डॉक्टरों को कैंसर की किस्म और उसके फैलाव की सटीक जानकारी मिल जाती है, तो इलाज भी उसी हिसाब से तय होता है. कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी या रेडियोथेरेपी, किस मरीज के लिए कौन-सा इलाज ज्यादा असरदार होगा, यह लैब रिपोर्ट से तय करना आसान हो गया है. इससे मरीज को अनावश्यक दवाओं और दर्द से बचाया जा सकता है. कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज अब और ज्यादा व्यवस्थित हो रहा है. लैब में मिल रही विस्तृत जानकारी से न सिर्फ मरीज का विश्वास बढ़ा है, बल्कि डॉक्टरों के लिए भी यह तकनीक एक नई उम्मीद बनकर आई है. आने वाले समय में यह आधुनिक जांच पद्धति कैंसर को हराने की लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार साबित होगी. इसे भी पढ़ें- गलती से भी इन 5 रेड फ्लैग्स को मत कर देना नजरअंदाज, हार्ट वेन्स के ब्लॉक होने का देते हैं सिग्नल Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Lab Research on Cancer Spread: कैंसर को लेकर पहले मरीज और डॉक्टर दोनों को सही जानकारी पाने में लंबा समय लगता था, लेकिन अब विज्ञान ने इस चुनौती को आसान बना दिया है. आधुनिक लैब तकनीक से न सिर्फ यह पता लगाना संभव हो गया है कि कैंसर किस प्रकार का है, बल्कि यह भी जाना जा सकता है कि, यह शरीर में किस हद तक फैल चुका है.
डॉ. तरंग कृष्ण का कहना है कि, पुराने समय में कैंसर की पहचान के लिए बायोप्सी और कई जटिल जांचें करनी पड़ती थीं. लेकिन नई मॉलिक्यूलर लैब तकनीक और जीन टेस्टिंग से अब कोशिकाओं की बारीकियों तक की जानकारी ली जा सकती है. लैब में यह तुरंत पता लगाया जा सकता है कि, कैंसर कैसे शुरू हुआ है और उसकी किस्म क्या है.
ये भी पढ़े- शरीर के इन 5 हिस्सों में रहता है दर्द तो हो जाएं अलर्ट, किडनी डैमेज होने पर दिखते हैं ये लक्षण
प्रकार की सटीक जानकारी
कैंसर सिर्फ एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह कई प्रकार का होता है, जैसे स्तन कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, ब्लड कैंसर आदि. लैब में होने वाली जांच अब हर प्रकार को अलग-अलग पहचान सकती है. इससे यह तय करना आसान हो जाता है कि किस मरीज को कौन सा उपचार दिया जाए और दवाइयों का असर कितना होगा.
कैंसर के प्रसार की निगरानी
सबसे बड़ी चुनौती कैंसर के फैलने यानी मेटास्टेसिस को समझना था. आधुनिक लैब टेस्ट अब यह दिखाते हैं कि कैंसर कोशिकाएं शरीर के किन हिस्सों तक पहुँच चुकी हैं. यह जानकारी मरीज के जीवन बचाने में बेहद अहम है क्योंकि इलाज की योजना उसी आधार पर तय होती है.
इलाज में नई दिशा
जब डॉक्टरों को कैंसर की किस्म और उसके फैलाव की सटीक जानकारी मिल जाती है, तो इलाज भी उसी हिसाब से तय होता है. कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी या रेडियोथेरेपी, किस मरीज के लिए कौन-सा इलाज ज्यादा असरदार होगा, यह लैब रिपोर्ट से तय करना आसान हो गया है. इससे मरीज को अनावश्यक दवाओं और दर्द से बचाया जा सकता है.
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज अब और ज्यादा व्यवस्थित हो रहा है. लैब में मिल रही विस्तृत जानकारी से न सिर्फ मरीज का विश्वास बढ़ा है, बल्कि डॉक्टरों के लिए भी यह तकनीक एक नई उम्मीद बनकर आई है. आने वाले समय में यह आधुनिक जांच पद्धति कैंसर को हराने की लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार साबित होगी.
इसे भी पढ़ें- गलती से भी इन 5 रेड फ्लैग्स को मत कर देना नजरअंदाज, हार्ट वेन्स के ब्लॉक होने का देते हैं सिग्नल
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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